एक तरफ सऊदी अरब ने प्राइवेट हज स्कीम में भारतीय मुसलमानों के कोटे में 80 परसेंट की कटौती कर दी और अब सिर्फ 10 हजार ही यात्रा पर जा पाएंगे. वहीं करीब 24 हजार पाकिस्तानी मुसलमान इसका फायदा ले सकेंगे. सऊदी अरब सरकार के इस कदम से करीब 42 हजार भारतीय मुस्लिम प्रभावित हुए हैं.
पाकिस्तानी न्यूज चैनल समा टीवी की रिपोर्ट के अनुसार पाक मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि इस साल प्राइवेट हज स्कीम के तहत 23,620 लोग ही यात्रा के लिए जा सकेंगे और सर्विस प्रोवाइडर्स पाक हज ऐप पर बने रहें ताकि हर अपडेट के बारे में उन्हें सूचित किया जा सके. उन्होंने कहा कि सभी कंपनियां हज को लेकर सारे अपडेट हज यात्रियों के साथ साझा करते रहें. मंत्रालय ने कहा कि सभी ऑपरेटर्स हज यात्रियों के वीजा जारी होने संबंधी सभी प्रक्रिया 18 अप्रैल तक पूरी कर लें क्योंकि सऊदी अरब सरकार के इसको लेकर सख्त निर्देश हैं.
भारत को इस साल हज के लिए 1,75,025 यात्रियों का कोटा मिला था, जिसमें से 1,22,518 यात्रियों के लिए व्यवस्था की जिम्मेदारी हज समिति के माध्यम से अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय को करनी थी, जबकि 52,507 यात्रियों का कोटा प्राइवेट ऑपरेटर्स को अलॉट किया गया था. इस साल सरकार ने 800 से ज्यादा प्राइवेट टूर ऑपरेटरों को 26 कानूनी संस्थाओं के साथ मिला दिया है, जिन्हें कंबाइंड हज ग्रुप ऑपरेटर्स (CHGO) कहा जाता है.
सीएचजीओ को ही 52,507 यात्रियों का कोटा दिया गया था, जिनकी हर व्यवस्था इन ग्रुप्स को ही देखनी थी. मंत्रालय ने सीएचजीओ को काफी पहले ही कोटा आवंटित कर दिया था. सरकार का कहना है कि रिमाइंडर देने के बाद भी सीएचजीओ सऊदी अरब की जरूरी समयसीमा का पालन करने में नाकाम रहे, जिसकी वजह से 42 हजार यात्रियों के लिए यह समस्या पैदा हुई है.
सीएचजीओ को यात्रियों के लिए ट्रांसपोर्ट, ठहरने की व्यवस्था और कैंप्स समेत जरूरी चीजों की व्यवस्था करनी होती है. सरकार ने कहा कि देरी की वजह से मीना में उपलब्ध स्थान अब खाली नहीं है. हालांकि, लोगों की चिंता को देखते हुए सरकार ने सऊदी हज मंत्रालय से बात की और वह सीएचजीओ के लिए हज पोर्टल, नुसुक को फिर से खोलने पर सहमत हुए हैं. हालांकि, सीएचजीओ सिर्फ 10 हजार यात्रियों के लिए ही अपना काम नुसुक पर पूरा कर पाएंगे. सऊदी अरब ने भारत के प्राइवेट टूर ऑपरेटर्स के लिए मीना जोन रद्द कर दिया है. मीना मक्का के पास एक टेंट सिटी है, जहां पर हज के दौरान यात्री चार दिनों के लिए रुकते हैं और यात्रा से जुड़े रीति रिवाज करते हैं.
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