Pew Research Report On Indian Woman Covering Head: भारत में महिलाओं के लिए सार्वजनिक रूप से सिर ढकना एक आम प्रथा है, जो धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताओं से प्रभावित होती है. साल 2019-2020 के अमेरिका के प्यू रिसर्च सेंटर के सर्वेक्षण के अनुसार, भारत में लगभग 61 फीसदी महिलाएं अपने घरों के बाहर भी सिर ढकने की परंपरा का पालन करती हैं.


इस प्रथा का रूप अलग-अलग धार्मिक समूहों, क्षेत्रों और सामाजिक पृष्ठभूमि के अनुसार भिन्न होता है. उदाहरण के लिए, मुस्लिम महिलाओं में सिर ढकने की दर (89 फीसदी) सबसे अधिक है, जबकि हिंदू (59 फीसदी) और सिख (86 फीसदी) महिलाओं में भी यह प्रथा काफी सामान्य है.


धार्मिक आधार पर सिर ढकने की प्रवृत्ति
भारत में धार्मिक पहचान सिर ढकने की परंपरा को गहराई से प्रभावित करती है. 89 फीसदी मुस्लिम महिलाएं सार्वजनिक जगहों पर सिर ढकती हैं. यह इस्लाम मानने वालों में हिजाब, बुर्का या दुपट्टा पहनने की परंपरा से जुड़ा है. देश के हर क्षेत्र में मुस्लिम महिलाएं यह प्रथा अपनाती हैं. दूसरी तरफ 59 फीसदी हिंदू महिलाएं सार्वजनिक रूप से सिर ढकती हैं. यह प्रथा विशेष रूप से उत्तर भारत में अधिक प्रचलित है. पारंपरिक रूप से हिंदू महिलाएं साड़ी के पल्लू या दुपट्टे से सिर ढकती हैं.


उत्तर बनाम दक्षिण राज्य
भारत में महिलाओं में सिर ढकने की प्रथा क्षेत्रीय आधार पर भी अलग-अलग देखी जाती है. बिहार, मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में लगभग 90 फीसदी महिलाएं सार्वजनिक रूप से सिर ढकती हैं. उत्तर भारत में मुस्लिम (85 फीसदी) और हिंदू (82 फीसदी) महिलाओं के बीच यह प्रथा लगभग समान रूप से प्रचलित है. दूसरी ओर साउथ के राज्यों में सिर ढकने की प्रथा कम है.  तमिलनाडु में केवल 16 फीसदी महिलाएं सिर ढकती हैं. केरल (17फीसदी), आंध्र प्रदेश (26 फीसदी) और तेलंगाना (29फीसदी) में यह प्रतिशत कम है.


दक्षिण के राज्यों में मुस्लिम और हिंदू महिलाओं में बड़ा अंतर
दक्षिण में स्थिति राज्यों में रहने वाली मुस्लिम और हिंदू महिलाओं में बड़ा अंतर दिखता है, जहां 83 फीसदी मुस्लिम महिलाएं सिर ढकती हैं. वहीं सिर्फ 22 फीसदी हिंदू महिलाएं इस प्रथा का पालन करती हैं. कर्नाटक में 44 फीसदी महिलाएं सिर ढकती हैं. यहां 71 फीसदी मुस्लिम और 42 फीसदी हिंदू महिलाएं इस परंपरा का पालन करती हैं.