India EU Trade Deal: वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच यूरोपीय संघ की भारत के साथ मिलकर एक व्यापक वैश्विक एजेंडा बनाने पर नजर है. साथ ही दोनों पक्ष 27 जनवरी को अपने वार्षिक शिखर सम्मेलन में मुक्त व्यापार समझौते, रक्षा रूपरेखा समझौते और एक रणनीतिक एजेंडा को अंतिम रूप दे सकते हैं.


शीर्ष राजनयिक सूत्रों ने पीटीआई भाषा को बताया कि, नयी दिल्ली में होने वाले शिखर सम्मेलन में मुक्त व्यापार समझौता एक ‘जीवंत दस्तावेज’ होगा जिस पर किसी भी अनसुलझे मुद्दे को सुलझाने के लिए काम जारी रखा जा सकता है. 


यूरोपीय संघ के अधिकारी का बयान


यूरोपीय संघ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘अमेरिका की अनुपस्थिति में, भारत और यूरोपीय संघ, फ्रांस के साथ मिलकर वैश्विक संचालन व्यवस्था को लेकर एजेंडा तय कर सकते हैं. भारत उन बड़े देशों में से एक है, जिनके साथ हम काम करते हैं और जिन पर हम भरोसा कर सकते हैं.’’


ऐसे समय, जब दुनिया अमेरिका की शुल्क नीति के कारण व्यापार में बाधाओं का सामना कर रही है, प्रस्तावित भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते से दोनों पक्षों के बीच संबंध और भी प्रगाढ़ होने की उम्मीद है.


इसका सकारात्मक प्रभाव कई अन्य क्षेत्रों में भी पड़ेगा. ऐसा समझा जाता है कि, दोनों पक्षों ने कृषि बाजार पहुंच और शराब से संबंधित मुद्दों को पहले ही सुलझा लिया है. यहां तक कि उत्पत्ति के नियमों से संबंधित धाराओं के मामले में भी आगे बढ़ रहे हैं. 


दिसंबर तक समझौते पर लग सकती है मुहर


एक सूत्र ने कहा, ‘‘वैश्विक परिवेश अधिक अस्थिर और प्रतिकूल है और भारत तथा यूरोपीय संघ एक भरोसा पैदा करना और आपूर्ति शृंखलाओं को एकीकृत करना चाहते हैं.’’ दोनों पक्ष पहले ही मुक्त व्यापार समझौते के 12 अध्याय पूरे कर चुके हैं और अब शेष आठ बिंदुओं को पूरा करने के लिए नयी दिल्ली और ब्रसेल्स- दोनों लगभग दैनिक आधार पर वार्ता के साथ आगे बढ़ रहे हैं.


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने सितंबर में प्रतिबद्धता जताई थी कि, वे दिसंबर तक व्यापार समझौते को अंतिम रूप दे देंगे. यूरोपीय संघ भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है. दोनों पक्षों के बीच वित्त वर्ष 2023-24 में द्विपक्षीय वस्तु व्यापार 135 अरब अमेरिकी डॉलर रहा. 


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