रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बुधवार को रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कमी का फैसला करते हुए कहा कि ट्रंप के टैरिफ के चलते वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताएं बनी हुई हैं. उन्होंने हल्के अंदाज में कहा कि "मैं संजय हूं, लेकिन महाभारत का संजय नहीं..." 


इस साल ऐसा दूसरी बार है जब आरबीआई ने अपने नीतिगत दरों में बदलाव किया है. आरबीआई गवर्नर ने अपने बयान में कहा कि समायोजनात्मक रुख का मतलब है कि या तो केन्द्रीय बैंक यथास्थिति बरकरार रखे या फिर आगामी मौद्रिक समीक्षा नीति में रेप रेट में कमी करे.


इस सवाल पर कि क्या वैश्विक परिस्थितियों को देखते हुए आने वाले दिनों में आरबीआई की तरफ से और भी राहत का एलान किया जा सकता है, इसके जवाब में उन्होंने संजय मल्होत्रा ने कहा कि ये संयुक्त प्रयास है. आप जानते हैं कि कितनी छूट दी गई है. सरकार ने अपनी तरफ से पूरे प्रयास किए हैं.


आरबीआई गवर्नर ने आगे कहा कि आपने हाल में जो बजट देखा है, उसमें कई सारे कदम उठाए गए हैं, वो चाहे बात टैक्स में छूट की हो या फिर पर्सनल इनकम टैक्स की.


उन्होंने आगे कहा, "हमने रेपो रेट में कमी की है. हमने अपने रुख में बदलाव किया है, इसका मतलब ये है कि रेपो रेट को लेकर पॉलिसी की दिशा में कमी की गई है. अब ये कहां पर जाएगा हमें नहीं मालूम. मैं संजय हूं, लेकिन महाभारत का संजय नहीं जो इतनी दूर तक देख सके. हमारे पास उनकी तरह दूरदृष्टि नहीं है."


इसके साथ ही, आरबीआई ने भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 में जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को 6.7% से घटाकर 6.5% कर दिया है. केन्द्रीय बैंक ने टैरिफ वॉर से उपजी अनिश्चितताओं का हवाला देते हुए आगाह भी किया. उन्होंने कहा कि हाल में टैरिफ से संबंधित कदम ने दुनियाभर में  आर्थिक अनिश्चितताएं और महंगाई का डर पैदा कर दिया है.


आरबीआई गवर्नर ने आगे कहा कि मौद्रिक नीति घरेलू ग्रोथ को देखकर रहेगी ताकि रफ्तार में मदद मिल सके, साथ ही महंगाई के मोर्चे पर सावधान रहना होगा.


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