ED Raid In Jhansi-Bhopal: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने लोनी अर्बन मल्टी-स्टेट क्रेडिट एंड थ्रिफ्ट को-ऑपरेटिव सोसायटी घोटाले में बड़ी कार्रवाई करते हुए 4.80 करोड़ रुपये मूल्य की 12 अचल संपत्तियों को अटैच किया हैं. ये संपत्तियां झांसी (उत्तर प्रदेश) और भोपाल (मध्य प्रदेश) में स्थित हैं और इनमें भूमि व इमारतें शामिल हैं. ईडी ने यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत की है.


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ईडी लखनऊ की जांच में पाया गया कि M/s Bhaskar Infracon LLP और M/s Castle Height नाम की कंपनियों ने इस घोटाले से जुड़े पैसों का इस्तेमाल संपत्तियां खरीदने में किया था. इस कारण ईडी ने इन संपत्तियों को जब्त कर लिया है.


क्या है लोनी अर्बन मल्टी-स्टेट को-ऑपरेटिव सोसायटी घोटाला?


लोनी अर्बन मल्टी-स्टेट क्रेडिट एंड थ्रिफ्ट को-ऑपरेटिव सोसाइटी पर लोगों से भारी निवेश के नाम पर ठगी करने का आरोप है. सोसाइटी ने निवेशकों को अधिक ब्याज और मोटे रिटर्न का लालच देकर करोड़ों रुपये जमा करवाए, लेकिन बाद में पैसा लौटाने में आनाकानी करने लगी. जब निवेशकों ने शिकायतें दर्ज कराईं तो मामले की जांच शुरू हुई और धीरे-धीरे करोड़ों रुपये की हेराफेरी सामने आई.


ईडी ने तेज की जांच, आगे भी हो सकती हैं कार्रवाई


ईडी ने इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का एंगल देखते हुए जांच शुरू की थी. शुरुआती जांच में पता चला कि घोटाले के पैसे का इस्तेमाल झांसी और भोपाल में संपत्तियां खरीदने में किया गया. इसके बाद ईडी ने इन संपत्तियों को अस्थायी रूप से अटैच कर लिया है. जांच एजेंसी आगे भी इस मामले में अधिक संपत्तियां जब्त कर सकती है और दोषियों की गिरफ्तारियां हो सकती हैं.


पैसा डबल करने का झांसा देकर किया करोड़ों का घोटाला


ऐसे को-ऑपरेटिव सोसाइटी घोटालों में आम तौर पर लोगों को तेजी से पैसा बढ़ाने का लालच देकर ठगा जाता है. निवेशकों को बैंक से ज्यादा ब्याज दर का वादा किया जाता है और जब वे भारी रकम जमा कर देते हैं, तो या तो पैसा वापस नहीं मिलता या फिर कंपनी अचानक बंद हो जाती है.


पहले भी कई बड़े घोटाले सामने आ चुके हैं


भारत में को-ऑपरेटिव सोसाइटी घोटालों के कई मामले सामने आ चुके हैं. सहारा इंडिया, पर्ल ग्रुप, आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी जैसे मामलों में लाखों निवेशकों का पैसा डूब चुका है.सरकार और जांच एजेंसियां लगातार इन घोटालों पर शिकंजा कस रही हैं.


निवेशकों को ईडी की चेतावनी


ईडी और अन्य जांच एजेंसियों ने निवेशकों से अपील की है कि कोई भी निवेश करने से पहले कंपनी की पृष्ठभूमि और कानूनी स्थिति को जरूर जांच लें. अवैध या संदिग्ध निवेश योजनाओं में पैसा लगाने से बचें और किसी भी धोखाधड़ी की सूचना तुरंत पुलिस या ईडी को दें.


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