लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में विपक्षी दलों ने संसद भवन से लेकर चुनाव आयोग के दफ्तर तक मार्च निकालने का ऐलान किया था, लेकिन उन्हें कुछ ही दूर तक जाने दिया गया और उसके बाद मार्च में शामिल नेताओं को हिरासत में ले लिया गया. इस मार्च में शामिल शशि थरूर ने भी चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं. 


शशि थरूर ने कहा, 'जब तक लोगों के मन में चुनाव की निष्पक्षता को लेकर संदेह रहेगा, तब तक यह चुनाव आयोग की साख को नुकसान पहुंचाता रहेगा. जैसे ही इन संदेहों को दूर कर दिया जाएगा, आयोग की साख और उसकी विश्वसनीयता वापस आ जाएगी.' चुनाव आयोग को नसीहत देते हुए कांग्रेस के सीनियर नेता ने कहा कि उसका हित इन सवालों का समाधान करने में है. 







 थरूर ने कहा कि मेरे लिए यह मुद्दा काफी सरल है. राहुल गांधी ने कुछ गंभीर सवाल उठाए हैं तो उनके गंभीर जवाब देने जरूरी हैं. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग की ना सिर्फ देश के प्रति जिम्मेदारी है बल्कि यह आयोग की भी खुद की जवाबदेही है कि चुनावों की विश्वसनीयता को लेकर लोगों के दिमाग में किसी तरह का संदेह नहीं रहना चाहिए. 


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