विश्व हिंदू परिषद (VHP) के नेता विनोद बंसल ने वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि लोकतंत्र में विधेयक का समर्थन या विरोध करना सामान्य है, लेकिन इसका विरोध धार्मिक स्थलों को राजनीति का हिस्सा बनाकर नहीं किया जाना चाहिए. उनका कहा कि विरोध के नाम पर नमाज को काला करना और मस्जिदों को राजनीतिक अखाड़ा बनाना ठीक नहीं है.
कट्टरपंथी समूहों का आरोप
बंसल ने आरोप लगाया कि कुछ कट्टरपंथी मुस्लिम समूह देश के मुसलमानों को भड़काकर और झूठ फैलाकर उन्हें हिंसा की ओर धकेलने की कोशिश कर रहे हैं. यह देश के लिए हानिकारक है और इसके खिलाफ सभी को मिलकर खड़ा होना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह विधेयक सबके हित में है और इसे सभी को समझकर समर्थन देना चाहिए.
सही तरीके से विरोध जताना चाहिए
बंसल का यह भी कहना था कि लोकतांत्रिक देश में विरोध का अधिकार सबको है, लेकिन यह विरोध संविधानिक और शांतिपूर्ण तरीके से किया जाना चाहिए. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि किसी विधेयक के विरोध में धार्मिक स्थलों का राजनीतिक उद्देश्य के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए.
विधेयक पर बहस और स्थिति
वक्फ संशोधन विधेयक पर सरकार का कहना है कि यह विधेयक समाज के सभी वर्गों के हित में है, जबकि विपक्ष इसे असंवैधानिक मानता है। इस बीच, बंसल का बयान यह संदेश देता है कि लोकतंत्र में स्वस्थ बहस और संवाद सबसे महत्वपूर्ण है और यह देश की एकता को मजबूत करता है. 

 
             
                     
                                             
                                             
                                             
         
                     
                    