एशिया कप 2025 के दौरान पाकिस्तान क्रिकेट टीम लगातार विवादों में रही, चाहे पीसीबी अध्यक्ष मोहसिन नकवी को लेकर भारतीय खिलाड़ियों का ट्रॉफी लेने से इंकार करना हो, पाकिस्तान क्रिकेट प्रशासन की नाकामियां या फिर नकवी का एशिया कप की ट्रॉफी ही लेकर भाग जाना हो, हर मुद्दे ने चर्चा बटोरी. इसी बीच पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर सईद अजमल का एक पुराना बयान सोशल मीडिया पर फिर से वायरल हो रहा है, जिसने सबको चौंका दिया है.


सरकार ने दिया था धोखा 


दरअसल, अजमल ने बताया था कि 2009 टी20 वर्ल्ड कप जीतने के बाद पाकिस्तान टीम को उनकी ही सरकार ने धोखा दिया था. इंग्लैंड के लॉर्ड्स मैदान पर खेले गए फाइनल में पाकिस्तान ने खिताब जीता था और पूरा देश जश्न में डूब गया था. उस समय के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने खिलाड़ियों को 25-25 लाख पाकिस्तानी रुपये देने का वादा किया था, लेकिन जब यह रकम देने की बारी आई, तो सरकार ने खिलाड़ियों के हाथ में चेक थमा दिए, जो बाद में बाउंस हो गए.


अजमल ने एक पॉडकास्ट में कहा था, “मैं हैरान रह गया था कि सरकार के दिए हुए चेक कैसे बाउंस हो सकते हैं. बाद में जब खिलाड़ी इस मामले को लेकर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) के पास गए तो उन्होंने जिम्मेदारी लेने से साफ इनकार कर दिया. पीसीबी का कहना था कि यह सरकार का वादा था, बोर्ड का नही. आखिरकार खिलाड़ियों को केवल वही प्राइज मनी मिली, जो सीधे आईसीसी ने दी थी.”


सईद अजमल का प्रदर्शन 


गौरतलब है कि 2009 के उस टूर्नामेंट में सईद अजमल पाकिस्तान के लिए स्टार खिलाड़ी साबित हुए थे. उन्होंने 12 विकेट चटकाए और टीम को चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाई थी. अपने इंटरनेशनल करियर में अजमल ने 35 टेस्ट, 113 वनडे और 64 टी20 मैच खेले, जिनमें उन्होंने कुल मिलाकर 447 विकेट अपने नाम किए.


भारत और पाकिस्तान में बड़ा फर्क


इस खुलासे ने एक बार फिर दिखा दिया कि पाकिस्तान क्रिकेट और उसकी राजनीति किस हद तक आपस में उलझी हुई है. खिलाड़ियों को वर्ल्ड कप जीतने जैसी बड़ी उपलब्धि के बाद भी सम्मानजनक इनाम नहीं मिल पाया था.


वहीं दूसरी ओर भारत की तस्वीर बिल्कुल अलग है. हाल ही में एशिया कप 2025 जीतने पर बीसीसीआई ने टीम इंडिया के लिए 21 करोड़ रुपये की प्राइज मनी का ऐलान किया. बीसीसीआई दुनिया का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड है और वह अपने खिलाड़ियों के लिए हमेशा बेहतर सुविधाएं और इनाम सुनिश्चित करता है. यही वजह है कि भारतीय क्रिकेटर्स न सिर्फ मैदान पर बल्कि आर्थिक स्तर पर भी सुरक्षित और सम्मानित महसूस करते हैं.