India's GDP Outlook: वैश्विक अनिश्चितताओं और आर्थिक क्षेत्र में चल रही उथल-पुथल के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए राहत देने वाली खबर सामने आई है. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की एक शोध रिपोर्ट के अनुसार, जीएसटी सुधार, ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ती मांग और मजबूत निवेश गतिविधियों की बदौलत वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में भारत की आर्थिक वृद्धि दर करीब 7.5 प्रतिशत तक पहुंच सकती है.


समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सर्विस और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में मजबूत प्रदर्शन और सुधारों के चलते मांग में तेजी बनी हुई है, जिससे यह रफ्तार आगे भी कायम रह सकती है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जीएसटी रेट में कटौती से फेस्टिव सीजन के दौरान खरीदारी में उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज की गई.


तीन सेक्टर में शानदार तेजी


SBI की रिपोर्ट में बताया गया है कि कृषि, उद्योग और सेवा—तीनों ही क्षेत्रों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है. आर्थिक गतिविधियों में तेजी के चलते उपभोग और मांग, जो पहली तिमाही में 70 प्रतिशत थी, दूसरी तिमाही में बढ़कर लगभग 83 प्रतिशत पर पहुंच गई.


इसके साथ ही, नवंबर 2025 में जीएसटी कलेक्शन 1.49 लाख करोड़ रुपये के आसपास रहने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष की तुलना में करीब 6.8 प्रतिशत अधिक होगा. यदि इसमें 51,000 करोड़ रुपये के IGST और सेस इम्पोर्ट्स को भी जोड़ा जाए तो कुल जीएसटी कलेक्शन 2 लाख करोड़ रुपये के पार जा सकता है.


इकोनॉमी में तेजी के स्पष्ट संकेत


आर्थिक रफ्तार का प्राथमिक संकेत उपभोक्ता खर्च में बढ़ोतरी से मिलता है. क्रेडिट और डेबिट कार्ड ट्रांजेक्शन्स में विशेषकर ऑटो, ग्रोसरी और इलेक्ट्रॉनिक्स कैटेगरी में तेज उछाल देखा गया है, खासकर ई-कॉमर्स सेगमेंट में. शहर-वार आंकड़ों के अनुसार, मिड-टियर शहरों में ई-कॉमर्स से जुड़े पॉजिटिव ट्रेंड सबसे मजबूत रहे हैं, जो बदलते उपभोक्ता पैटर्न का संकेत देते हैं.


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