एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार (20 सितंबर, 2025) को डोनाल्ड ट्रंप के वीजा बम को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से H-1B वीजा को लेकर कार्यकारी आदेश जारी करने के बाद असदुद्दीन ओवैसी केंद्र सरकार पर भड़क गए और सरकार की विदेश नीति पर सवाल उठाया.
हैदराबाद से लोकसभा में सांसद और AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार (20 सितंबर, 2025) को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट शेयर किया. पोस्ट में ओवैसी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘मेरी शिकायत ट्रंप से नहीं है, उन्होंने वही किया जो वो चाहते थे. मेरा झगड़ा इस सरकार से है. आखिर हाउडी मोदी और नमस्ते ट्रंप से आपको क्या हासिल हुआ? मैडिसन स्क्वायर गार्डन में आपने जितने भी प्रवासी भारतीयों को इकट्ठा किया, उससे क्या हासिल हुआ?’
उन्होंने कहा, ‘जन्मदिन की शुभकामनाएं विदेश नीति की सफलताएं नहीं हैं. H-1B वीजा को खत्म करने का मकसद भारतीयों को निशाना बनाना था. अमेरिका की ओर से भारत के साथ अपने संबंधों को खतरे में डालना इस बात का सबूत है कि उसे हमारे सामरिक मूल्यों की कोई परवाह नहीं है.’
अमेरिका हमें सहयोगी नहीं मानता, यह सरकार की विफलता- ओवैसी
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ‘हम अमेरिका के एक रणनीतिक साझेदार हैं और अगर वे हमें सहयोगी के रूप में नहीं देखते हैं, तो यह इस सरकार की विफलता है. हमें इसे अमेरिका की ओर से हाल ही में भारत के साथ किए गए अन्य कार्यों के साथ देखना चाहिए. भारी टैरिफ, पाकिस्तान-अमेरिका व्यापार समझौता, पाकिस्तान-सऊदी समझौता (जो अमेरिका की सहमति के बिना संभव नहीं हो सकता था) और कुल मिलाकर दुनिया में भारत की कमजोर स्थिति. हम एक शत्रुतापूर्ण पड़ोस में हैं और वैश्विक मंच पर लगातार अलग-थलग पड़ते जा रहे हैं.’
2014-2024 एक खोया हुआ दशक रहा- ओवैसी
उन्होंने कहा, ‘भारत ने कतर और कई आसियान देशों सहित 18 से ज्यादा देशों के साथ डॉलर-मुक्ति समझौते किए हैं. इन देशों के साथ व्यापार भुगतान रुपये में हो रहे हैं. हमें सभी प्रमुख व्यापारिक साझेदारों के साथ व्यापार में इसका विस्तार करना चाहिए. हमें ट्रंप के ब्लैकमेल के आगे एक इंच भी नहीं झुकना चाहिए. लेकिन सरकार को आत्मचिंतन करना चाहिए कि भारत विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में इतनी मुश्किलों का सामना क्यों कर रहा है? क्या इसकी वजह यह है कि आपने इन मुद्दों को नौटंकी तक सीमित कर दिया है? आखिरकार, इससे मोदी नहीं, बल्कि आम भारतीय परेशान हैं. आपने घरेलू दिखावे के लिए हमारे लॉन्ग टर्म लाभों का बलिदान कर दिया है. 2014-2024 एक खोया हुआ दशक रहा है.’
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