इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि लेबनान में हिज्बुल्लाह के खिलाफ मिली निर्णायक जीत ने अब इजरायल के लिए शांति की संभावनाओं के नए रास्ते खोल दिए हैं. नेतन्याहू ने बताया कि इजरायल अपने उत्तरी पड़ोसी देशों, लेबनान और सीरिया, दोनों से संपर्क और बातचीत कर रहा है. हालांकि उन्होंने यह भी साफ किया कि किसी ठोस समझौते तक पहुंचने में अभी समय लगेगा.
सीरिया से सुरक्षा समझौते पर बातचीत
नेतन्याहू ने कैबिनेट बैठक में कहा, 'हम सीरिया के साथ सुरक्षा समझौते को लेकर बातचीत कर रहे हैं. इसमें थोड़ी प्रगति हुई है, लेकिन समझौते तक पहुंचने में अभी लंबा रास्ता तय करना है.' सीरिया के राष्ट्रपति अहमद अल-शरा ने भी कुछ दिन पहले कहा था कि इजरायल और सीरिया के बीच बातचीत आने वाले दिनों में परिणाम दे सकती है. उनका मानना है कि सुरक्षा समझौता जरूरी है और इसमें सीरिया की हवाई सीमा और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान होना चाहिए.
लेबनान से भी बन रहा संपर्क
नेतन्याहू ने कहा कि लेबनान के साथ भी संपर्क बनाए जा रहे हैं. उनका कहना था कि अगर इजरायल ने उत्तरी मोर्चे पर हिज्बुल्लाह के खिलाफ निर्णायक जीत हासिल नहीं की होती, तो ऐसी बातचीत संभव ही नहीं थी.
सीरिया की मांगें और संयुक्त राष्ट्र की भूमिका
सीरिया ने साफ किया है कि किसी भी संभावित समझौते में दो शर्तें अहम होंगी- इजरायल को हवाई हमले रोकने होंगे. दक्षिणी सीरिया में घुसे इजरायली सैनिकों को वापस बुलाना होगा. साथ ही सीरिया चाहता है कि इस समझौते की निगरानी संयुक्त राष्ट्र करे, ताकि उसकी क्षेत्रीय एकता और संप्रभुता सुरक्षित रह सके.
शांति की नई उम्मीद
हालांकि अभी तक कोई औपचारिक समझौता नहीं हुआ है, लेकिन हाल की घटनाओं ने संकेत दिए हैं कि लंबे समय से चले आ रहे तनाव के बीच इजरायल और उसके उत्तरी पड़ोसियों के बीच शांति की उम्मीदें धीरे-धीरे मजबूत हो रही हैं.
