पाकिस्तान के करीबी दोस्त अजरबैजान ने भारत के समर्थन में ऐसी बात कही है, जिससे चीन, पाकिस्तान और तुर्किए तीनों को बड़ा झटका लगेगा. अजरबैजान को पाकिस्तान का रणनतिक साझेदार माना जा रहा है और ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी वह पाकिस्तान के साथ खड़ा नजर आया था. इस दौरान उसने पाकिस्तान के सपोर्ट में कई बयान भी दिए थे, लेकिन अब उसने ऐसी बात कही है, जिससे पाकिस्तान के पैरों के नीचे से जमीन खिसक जाएगी.
अजरबैजान ने कॉन्फ्रेंस ऑन इंटरेक्शन एंड कॉन्फिडेंस (CICA) का फोरम अगले साल, 2026 में भारत में आयोजित किए जाने का समर्थन किया है, जो चीन और पाकिस्तान के लिए बड़ा रेड सिग्नल है. इस साल अजरबैजान सीआईसीए की अध्यक्षता कर रहा है और भारत के पक्ष में यह फैसला उसका खुद का है. सीआईसीए का अध्यक्ष होने के नाते उसके पास यह विशेषाधिकार है.
ET की रिपोर्ट के अनुसार अजरबैजान अगला सीआईसीए फोरम भारत में आयोजित करने के प्रस्ताव का समर्थन करने के लिए तैयार है. भारत में यह सीआईसीए का पहला सम्मेलन होगा. पिछले कई दशकों से सीआईसीए फोरम की अध्यक्षता चीन के पास रही है, लेकिन अब इसकी अध्यक्षता अजरबैजान के पास है और उसने भारत में अगला सम्मेलन आयोजित करने पर सहमति दे दी है.
बताया जा रहा है कि अजरबैजान ने भारत में फोरम आयोजित करने का जो फैसला किया है, वह सीआईसीए फोरम का अध्यक्ष होने के नाते उसका अधिकार है, जो आम सहमति पर आधारित नहीं है. ऐसे में उसका ऐसा फैसला लेना बड़ी बात है क्योंकि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान देखा गया था कि तुर्की के साथ अजरबैजान ने भी पाकिस्तान का खुलकर साथ दिया था.
भारतीय विदेश मंत्रालय के इंडियन काउंसिल ऑफ वर्ल्ड अफेयर्स (ICWA) के तरत फोरम आयोजित किया जाएगा. भारत 9-10 सितंबर को अजरबैजान की राजधानी बाकू में सीआईसीए फोरम में शामिल हो चुका है. नूतन कपूर महावार की अध्यक्षता में आईसीडब्ल्यूए डेलीगेशन कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बाकू गया था.
